
सुभाष गुप्ता
सूरजपुर : आज जिला मुख्यालय के रंगमंच में जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने धरना प्रदर्शन सरकार को अपनी नाराजगी जाहिर की है। बड़ी संख्या में पहुचे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने नगर के रंगमंच पर अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद किया। इसके बाद तख्ती बैनर लेकर नारे बाजी करते हुए रैली निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुची जहाँ पर तहसीदार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौपा है।
जिसमे बताया गया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 01 लाख से अधिक कार्यकर्ता सहायिका है जो प्रदेश के प्रत्येक गरीब परिवार वं निम्न एवं मध्यम तक अपनी पहुंच रखते है। गर्भधारण से लेकर प्रसूती, गर्भवती महिला का टीकाकरण, जांच वं डिलवरी उसका आहार एवं पूरक पोषण, बच्चों का वजन वं टीकाकरण, सभी बच्चे 0 से लेकर 06 व वर्ष के उनका पूरक पोषण आहार अनौपचारिक शिक्षा, शिक्षा आहार, कुपोषण से बचाव, सुपोषण, गोद भराई, अन्न प्रासन, बाल भोज, सुपोषण योजना, बाल मित्र बनाना, स्व सहायता समूह बनाना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह, शाला प्रवेश उत्सव सुपोषण चौपाल, बाल संदर्भ, नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना,प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन, महतारी वंदन,पालक बैठक पूरे 16 योजनाओं पर काम करते है।
इसके अलावा अन्य विभागों के कार्य में राशन कार्ड बनाना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा एवं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा (स्मार्ट कार्ड) बनवाना, अपने एरिया में क्लोरिन, फाइलेरिया की गोली बांटना,पल्स पोलियों,निर्वाचन आयोग में बी.एल.ओ. जनगणना,आर्थिक सर्वेक्षण स्वच्छ भारत के तहत शौचालय का सर्वे, पशु सवं नगर सराज,ग्राम सुराज, किशारी बालिका की देखरेख,11 से 18 वर्ष को विटामिन गोली वितरण,रोज गृह भट देना, विधवा परित्यागता सर्वे करना,मातृ मृत्यु दर को रोकना अन्य कार्य करते है। जिसके एवज में सरकार हमे अलग से कोई मानदेय नहीं दिया। अब आंगनबाडी में आने वाली सभी हितग्राहियो का आधार अपने मोबाईल में लिंक करना उनका मोबाईल वेरीफिकेशन कर हितग्राही से ओ.टी.पी. मांग उनके आधार का ई-केवाईसी कर, फिर ओ.टी.पी. मांगना यह प्रकिया 01 से 10 बार करन के बाद ही पुर्ण होता है।
हितग्राही उबकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर नाराज हो ओ.टी.पी. बताने से मना कर नाराजगी व्यक्त करते ह क्योंकि बहुत हितगाहीयों के खाते से बैंक से फ्रॉड के द्वारा पैसा निकाल लिया जाता है। हितग्राही आगंनबाडी में आकर हमसे पैसा मांगते है कि आपके द्वारा ओ.टी.पी. मांगने पर दिया गया अब हमारे खाते से राशि निकल गया आपलोग के कारण अब राशि आप लोग ही देंगे कहकर धमकी व गाली गलौज किया जाता है। बिना किसी सनशाधन सुविधा और प्रशिक्षण के स्वंय के मोबाईल में आन लाईन कार्य कर हम शासन के आदेश का पालन कर रहे है। उपरोक्त समस्त कार्यों के लिए मात्र कार्यकर्ता को 10000/- रूपये एवं सहायिका को 5000/- रूपये जिसमें राज्य शासन 5500/- रूपये, केन्द्र सासन द्वारा 4500/- रूपये मानदेय राशि दिया जाता है। हम सभी कार्यकर्ता, सहायिका पूर्व में 4 घंटे कार्य करती थी, लेकिन अब उसके बढ़ाकर 6 घण्टे कर दिया गया है।
कई बार तो 8 से 10 घण्टे भी कार्य करने पड़ते है। हमें तो श्रम कानूनों के अंतर्गत कलेक्टर दर जो तय है, वो भी नहीं दिया जाता एवं ना हमारा वर्ग निर्धारित किया जाता है।वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की दशा पूरे भारतवर्ष में सबसे दयनीय बन चुकी है।सबसे खास बात यह है कि छोटे से राज्य पांडेचेरी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर कार्यकताओं को ततीय श्रेणो और सहायिकाओं को चतुर्थश्रेणी कर्मचारी घोषित कर वेतन दिया जा रहा है।
हम महिलाओं के श्रम के साथ इतना, बड़ा खिलवाड़ और किसी राज्य में नहीं दिखलायी दे रहा है जितना कि छत्तीसगढ़ में। इस बात को लेकर अनेक बार छत्तीसगढ़ की आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा बूढ़ातालाब में भीषण गर्मी, बरसते पानी और कड़ाके ठंड में अपने छोटे-छोटे बच्चों को लकर धरना आंदोलन में बैठी और अपना तनख्वाह कटवायी लेकिन शासन को तरस नहीं आया । आज वे बेबस और विवश है और एक दिवसीय ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ सरकार से अपनी मांगो के लिए गुहार लगाई है।