महासमुन्द

गौधाम योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी सशक्त, रोजगार के नए अवसर होंगे सृजित : योगेश्वर राजू सिन्हा

गौधाम योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी सशक्त, रोजगार के नए अवसर होंगे सृजित : योगेश्वर राजू सिन्हा

संवाददाता- प्रभात मोहंती ..
 
महासमुंद  :  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने एवं पशुधन संरक्षण को नई दिशा प्रदान करने के लिए गौधाम योजना की शुरुआत करने जा रही है। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही पशुधन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। 

इस संबंध में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल पशुधन की सुरक्षा एवं नस्ल सुधार को बढ़ावा देगी बल्कि जैविक खेती, चारा विकास और गौ-आधारित उद्योगों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।  योजना का स्वरूप इस तरह तैयार किया गया है कि निराश्रित एवं घुमंतू गौवंशीय पशुओं की देखभाल के साथ-साथ चरवाहों और गौसेवकों को नियमित आय का स्थायी स्रोत उपलब्ध होगा, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक स्थिरता एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त हो सकेगी। गौधाम योजना के ड्राफ्ट को वित्त एवं पशुधन विकास विभाग से भी मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। पशुधन विकास विभाग ने यह योजना विशेष रूप से तस्करी या अवैध परिवहन में पकड़े गए पशुओं और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार की है।

चरवाहों और गौसेवकों को मिलेगा मानदेय 

इस गौधाम योजना के अंतर्गत चरवाहों को प्रतिमाह 10,916 रुपए और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही मवेशियों के चारे के लिए भी प्रतिदिन निर्धारित राशि प्रदान की जाएगी। उत्कृष्ट गौधाम को वहां रहने वाले प्रत्येक पशु के लिए पहले साल 10 रुपए प्रतिदिन, दूसरे वर्ष 20 रुपए प्रतिदिन, तीसरे वर्ष 30 रुपए प्रतिदिन और चौथे वर्ष 35 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। योजना के लिए बजट, नियम और शर्तें तय कर दी गई हैं ताकि संचालन में किसी तरह की परेशानी न हो।

सुविधाओं के अनुसार गौधाम की स्थापना 

ऐसी शासकीय भूमि, जहां सुरक्षित बाड़ा, पशुओं के शेड, पर्याप्त पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध हो वहीं गौधाम की स्थापना की जाएगी। जिन गौठानों में पहले से अधोसंरचना विकसित है वहां उपलब्धता के आधार पर गौठान से सटे चारागाह की भूमि को हरा चारा उत्पादन के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा अगर आसपास की पंजीकृत गौशाला की समिति संचालन के लिए असहमति व्यक्त करती है तो अन्य स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी या सहकारी समिति संचालन के लिए आवेदन कर सकेगी।

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