
सुभाष गुप्ता
सूरजपुर : आज समाज में इंसानियत कहा किस ओर जा रहा है किसी से छिपा नही है। हमारे आसपास के इंसान के अंदर किस तरह के हैवानियत समाया है यह आये दिन देखने सुनने को मिल जाता है। ऐसा कुछ जिला अस्पताल सूरजपुर में प्रसव पीड़ा से कहराती अर्धविक्षिप्त 25 वर्षीय युवती को परिजन लाये, जो गर्भवती थी। जो न कुछ बोल पाती, न कुछ समझ पाती। वह गर्भवती कैसे हुई, उसके गर्भ का जिम्मेदार कौन है कुछ भी पता नही। अस्पताल स्टाफ इस पूरे मामले को गहराई से समझते हुए महिला बाल विकास को देकर उनके महिला अधिकारियों की उपस्थिति में भर्ती कर प्रसव कराया। प्रसूता ने स्वस्थ लड़के को जन्म दिया। शिशु की तबियत 4 दिनों बाद बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने शिशु को इंफेक्शन होना बताया जिसका उपचार के दौरान मौत हो गई।
पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है। परिजन हैरान और परेशान है। परिजनों ने बताया कि जब 6 माह का गर्भ हुआ तो तब पता चला कि वह गर्भवती है जिसकी जानकारी बसदेइ पुलिस चौकी में दिया था वहाँ से उनको चलता किया। परिजन बताए कि हमेशा अपने निगरानी में रखते थे लेकिन कई बार वह चकमा देकर फरार हो जाती थी। एक दो दिन बाद ही काफी खोज बिन करने पर मिलती थी। कब कैसे किसने किया यह बहुत बड़ा सवाल है? इस घटना से साफ है हमारा सभ्य समाज कितना गिरा हुआ है। अर्धविक्षिप्त युवती को भी नही छोड़ते,अपने हवस का शिकार बनाते है? फिलहाल कोतवाली पुलिस जांच विवेचना में लगी हुई है।