रायगढ़

बिरहोर सोनूराम को मिला पक्का मकान

बिरहोर सोनूराम को मिला पक्का मकान

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार 

पीएम जनमन से विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन में उजियारा

रायपुर : घासफूस से बनी झोपड़ी में जीवन गुजार रहे सोनूराम बिरहोर के परिवार को अब साफ-सुथरा पक्का मकान मिल गया है। सोनूराम रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत जमरगा के रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर समुदाय से हैं। सोनूराम ने बताया कि परिवार के भरण पोषण का इंतजाम ही बड़ी मुश्किल से हो पाता था। ऐसी स्थिति में पक्का मकान बनाना उसके लिए सपना था।

पीएम जनमन योजना से उसका और उसके परिवार के लोगों का पक्का मकान बनाने का सपना पूरा हो गया है। बारिश में छत से पानी टपकने, कच्ची झोपड़ी की दीवारों की दीवारों के ढह जाने की चिंता और सांप बिच्छुओं का डर खत्म हो गया है। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के मकान में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। पक्का मकान मिलने पर उसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।

यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्र सरकार की पीएम जनमन योजना और राज्य शासन की योजनाओं के कन्वरजेंस   से छत्तीसगढ़ राज्य में निवारत विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोगों के जीवन में खुशहाली और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए पूरी शिद्दत से जुटी हुई है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के रहवासी इलाकों में सभी मूलभूत सुविधाएं एवं अधोसंरचना विकास के काम तेजी से कराए जा रहे हैं। बीते 9 महीने में इन इलाकों में विकास के रिकार्ड काम हुए हैं और बड़ी संख्या में आज भी विकास एवं निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं। इससे विशेष जनजाति समुदाय के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगे हैं।

ज्ञातव्य है कि रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत जमरगा, जो जिला मुख्यालय से लगभग 105 किमी दूरी पर स्थित है। यहां पर निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर समुदाय के लोग निवासरत हैं। सोनू राम पिता सोनसाय बिरहोर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जंगल में माहुल पेड़ से पालतू जानवारों जैसे-गाय, बकरी को बांधने वाली रस्सी बनाकर एवं सूखी लकड़ी बेचकर बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजरा हो रहा था।

सोनूराम बिरहोर की झोपड़ी गांव की पहाड़ी पर स्थित थी। जहां वह रह रहा था, वहां पक्का घर बनाना संभव नहीं था। इसलिए ग्राम पंचायत द्वारा उन्हें ग्राम के आबादी जमीन में आवास निर्माण हेतु भूमि दी गई, जहां सोनूराम का पक्का मकान बना है। बिरहोर समुदाय के अधिकांश परिवार जमरगा ग्राम पंचायत के पहाड़ी क्षेत्र में निवारत हैं। हर साल तेज हवा, पानी के कारण घरों को बहुत नुकसान होता था, जिसके कारण बिरहोर समुदाय के लोगों को हर साल अपने घास-फूस से बने कच्चे घर की मरम्मत करनी पड़ती है।   

भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्य धारा में लाकर आगे बढ़ाने के लिए लागू किये प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान अंतर्गत प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से सभी पात्र विशेष पिछड़ी जनजाति को आवास दिये जाने से उनके चेहरे पर खुशी स्पष्ट दिखने लगी।

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