सूरजपुर

सहायक शिक्षकों ने अपनी नौकरी सुरक्षित करने सरगुजा सांसद को सौंपा ज्ञापन

सहायक शिक्षकों ने अपनी नौकरी सुरक्षित करने सरगुजा सांसद को सौंपा ज्ञापन

पूर्व सरकार की गलती से सहायक शिक्षको की नौकरी अधर में

सूरजपुर : शिक्षक दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के 3000 से ज्यादा शिक्षक राज्य शासन से न्याय की उम्मीद में दर दर भटकने को मजबूर हो गए है व आज सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज व प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी से मिलकर ज्ञापन सौंप कर अपने नौकरी बचाने गुहार लगाई है। एक महिला शिक्षिका बहन हेमा सिंह तंवर ( बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षिका, कुआंकोंडा, दंतेवाड़ा ) ने तो न्याय की तलाश में अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिया। दंतेवाड़ा कलेक्टर को अपनी नौकरी सुरक्षित करने के लिए ज्ञापन सौंप कर घर लौट रही थी तभी शाम के समय सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।

बता दें कि छत्तीसगढ़ पूर्व सरकार ने शिक्षक भर्ती की जिसमें बी. एड. को सहायक शिक्षक के लिए पात्र माना गया था। यह मामला शिक्षक भर्ती 2023 का है, जब 4 मई को भर्ती नोटिफिकेशन निकाला गया तब उसमे 6200 से अधिक सहायक शिक्षक पद की वेकेंसी आई जिसने न्यूनतम अर्हता 12 वी उत्तीर्ण + टीईटी उत्तीर्ण + बीएड या डीएड रखा गया था। पात्रता की सभी शर्तों को पूरा करते हुए BEd एवं DEd प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थियों ने 10 जून को परीक्षा दिलाई और 02 जुलाई को परीक्षा परिणाम के साथ मेरिट लिस्ट जारी हो गया। अब केवल काउंसिलिंग के अनुसार ज्वाइनिंग लेटर देना बाकी रह गया था। 

इसी बीच राजस्थान में 02 साल से लंबित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच ( जस्टिस धुलिया और जस्टिस अनिरुद्ध बोस) ने BEd प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक ( वर्ग3 ) हेतु अपात्र कर दिया, इसी केस का रेफरेंस लेकर छत्तीसगढ़ में मेरिट सूची में स्थान ना बना पाने वाले DEd वाले अभ्यर्थियों में बिलासपुर हाई कोर्ट में केस लगा दिया जिसकी वजह से BEd वालो की भर्ती प्रक्रिया को रोका गया, लेकिन BEd वालों ने सुप्रीम कोर्ट में इसके विरुद्ध केस लगाकर अंतरिम राहत लेते हुए फिर से भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए और अंततः 25 सितंबर 2023 में सभी पात्र BEd और DEd वालों को ज्वाइनिंग दिया गया।

लेकिन फिर से हाई कोर्ट में लंबित केस में हाई कोर्ट के डबल बेंच ( जस्टिस रमेश चंद्रवंशी एवं अन्य ) ने BEd को अयोग्य घोषित कर दिया था जिसके विरुद्ध फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया गया था जिसमें अभी हाल ही में 28 अगस्त 2024 को पुनः उसी जस्टिस धूलिया जी ने BEd को अयोग्य घोषित कर दिया। अब समस्या ये है कि सभी पात्रता की शर्तो के साथ ज्वाइनिंग लेने के बाद छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षकों ने लगभग एक साल अपनी सेवाएं देने के बाद भी BEd शिक्षकों की नौकरी पे खतरा मंडरा रहा है। इसी नौकरी को सुरक्षित करने की गुहार लेकर सभी शिक्षक नेता मंत्री लोग से लगातार मिल रहे है। इस कड़ी में आज सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज और प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया। इससे पहले भी विगत एक सप्ताह से लगातार सभी मंत्री गण ओ.पी. चौधरी, विजय शर्मा, अरूण साव जी, रामविचार नेताम जी, लक्ष्मी राजवाड़े जी एवं अन्य विधायकों सांसदों से मुलाकात कर के अपनी सेवा सुरक्षित करने की गुहार लगा रहे है। इसके लिए सभी जगह से आश्वासन मात्र प्राप्त हो रहा है कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। कही ऐसा ना हो की न्याय की आस में बहन स्व. हेमा सिंह की तरह सभी शिक्षकगण को इस दुनिया से विदा लेना पड़े। सरकार को सहायक शिक्षकों के हित को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाने की जरूरत ताकि इनके साथ अन्याय न हो।

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