Heart Attack Prevention: हम में से कई लोग सुबह अलार्म बजते ही घबरा कर जाग जाते हैं। नींद टूटी नहीं कि दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है, सांस तेज हो जाती है, और कुछ देर तक शरीर चौंक-सा जाता है। आपको लगता होगा कि ये तो रोज की बात है, लेकिन साइंस कहती है कि ये मॉर्निंग शॉक दिल पर असली स्ट्रेस डालता है, खासकर उन लोगों में जिनको पहले से हार्ट या BP की समस्या है।
सुबह दिल सबसे ज्यादा संवेदनशील क्यों होता है?
हमारे शरीर में एक 24 घंटे की सर्कैडियन रिदम होती है, यानी शरीर की अंदरूनी घड़ी। यह नींद, हार्मोन, BP, और दिल की धड़कन सब कंट्रोल करती है। हर सुबह, खासकर 6 से 10 बजे के बीच, शरीर खुद-ब-खुद कुछ बदलाव करता है। इसमें ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है, दिल की धड़कन तेज होती है, स्ट्रेस हार्मोन (एड्रेनालिन) बढ़ जाता है। शरीर फाइट-ऑर-फ्लाइट मोड में आ जाता है। यानी सुबह आपका दिल पहले से ही हाई-एलर्ट मोड में होता है। ऐसे में अगर अलार्म अचानक तेज आवाज में बज जाए, तो दिल पर डबल झटका पड़ता है।
अचानक अलार्म से दिल में क्या होता है?
तेज आवाज का झटका लगते ही शरीर कुछ सेकंड में ऐसे रिएक्ट करता है। जेएएमए नेटवर्क में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ब्लड वेसल सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर तुरंत ऊपर चला जाता है। दिल को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। बल्ड पंप करने में दिक्कत होती है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। ब्लड फ्लो पर असर, कुछ लोगों में इस वजह से दिल तक खून पहुँचने में थोड़ी देर के लिए कमी आ सकती है। इसे “साइलेंट इस्केमिया” कहते हैं, ज्यादातर लोगों को दर्द भी महसूस नहीं होता।
सुबह हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा क्यों ज्यादा होता है?
अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में एक मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि सुबह 6 बजे से दोपहर के बीच, दिल का दौरा पड़ने का खतरा 40% अधिक, हृदय की मृत्यु 29% अधिक, और स्ट्रोक 49% अधिक होने की संभावना होती है। इसका मतलब यह है कि जागने के बाद के पहले घंटे सिर्फ दिन की सुस्त शुरुआत नहीं हैं, बल्कि वे दिल के लिए एक हाई-अलर्ट विंडो हैं।
कौन लोग ज्यादा खतरे में रहते हैं?
इसका सबसे ज्यादा खतरा हाई BP वाले लोग, दिल के मरीज, जो लोग बहुत कम सोते हैं, जिनकी नींद गहरी टूटती है। 50 साल से ऊपर के लोग, इनके लिए अचानक अलार्म का झटका और भी खतरनाक हो सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में एक मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि सुबह 6 बजे से दोपहर के बीच, दिल का दौरा पड़ने का खतरा 40% अधिक, हृदय की मृत्यु 29% अधिक, और स्ट्रोक 49% अधिक होने की संभावना होती है।
क्या करें? सुबह का झटका दिल पर भारी न पड़े
जेंटल (हल्का) अलार्म लगाएं। मीठी धुन, धीरे-धीरे बढ़ने वाली रिंगटोन या नैचुरल साउंड। सनराइज अलार्म (लाइट अलार्म) अपनाएं। जो धीरे-धीरे कमरे में रोशनी बढ़ाते हैं, जैसे सूरज उग रहा हो। इससे शरीर शांत तरीके से जागता है। नींद की क्वालिटी सुधारें। सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल बंद, रोज एक ही समय पर सोएं, कैफीन शाम के बाद न लें, सुबह 2-3 मिनट तक धीरे-धीरे उठें। एकदम से खड़े न हों, पहले बैठें, गहरी सांस लें, फिर उठें।(एजेंसी)

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