डॉ.समरेन्द्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार
नयी दिल्ली : बिहार चुनाव पर राज्य के बाहर भी विभिन्न क्षेत्रों के हस्तियों की नजर लगी हुई है,क्योंकि यह चुनाव परिणाम वर्ष 2029 में होने वाले लोक सभा चुनाव में देश की दिशा एवं दशा तय करेगा। बिहार विधान सभा के लिए कुल 243 सीटों पर दो चरणों में 6 एवं 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।14 नवंबर को मतगणना होगी।इसी महीने के आखिरी तक नयी सरकार का गठन किया जाना है।
यह बात बिहार के प्रवासी हस्तियों ने आज यहां बातचीत में कही। दिल्ली हाई कोर्ट में भारत सरकार के स्टेंडिंग काउंसिल एवं जाने माने अधिवक्ता कमल कांत झा कहते हैं,कि यह चुनाव बिहार वासियों के लिए काफी अहम है। इसलिये राज्य की जनता विकास की गति को जारी रखने के लिए पुनः राजग को चुनेगी। श्री झा ने कहा कि बिहार की जनता लालू-राबड़ी सरकार को देख चुकी है।नीतीश कुमार की अगुआई में 2005 से(कुछ समय छोड़कर) राज्य में चल रही राजग के शासन में प्रायः बेहत्तर काम हुआ है।
देश में कई जनांदोलनों के राष्ट्रीय स्तर पर वाहक रहे सुप्रसिद्ध समाजसेवी अरविन्द पाठक कहते हैं,कि नीतीश कुमार के दो कार्यकालों में राज्य में अच्छा काम हुआ।यह सही है, कि वह कानून का शासन कायम करने में सफल रहे,किन्तु बाद के समय में नौकरशाही एवं कुछ आधार विहीन नेताओं से घिरने की वजह से उनकी साख पर असर पड़ा है।
श्री पाठक ने कहा कि इस चुनाव में मोकामा में हिंसा,सीवान में पुलिस की हत्या, मुजफ्फपुर, दरभंगा एवं मधुबनी में प्रचार अभियान के दौरान दलों के बीच झड़पें पुरानी यादों को ताजा कर दिया है।यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। बिहार की राजनीति से गहरी रुचि रखने वाले मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले के रहने वाले प्रखड़ समाज सेवी सुरेन्द कुमार तिवारी कहते हैं,कि इस चुनाव में एक दूसरे पर जिस तरह से आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं, वह ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि खेसारी लाल को लेकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी की टिप्पणी आहत करने वाला है।ऐसे हो लोगों की वजह से राजग खासकर भाजपा को चुनाव मैदान में कई जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है।विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह को इसे देखने चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के अध्यापक रहे प्रो.योगेश कुमार के अनुसार हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है।बिहार की जनता जागरूक है।वह अपने हितों को अच्छी तरह समझती है। शिक्षाविद एवं कुलाधिपति डॉ बी.एन. मिश्रा का मानना है,कि बिहार लोग कठिन समय में देश की दिशा एवं दशा तय करते रहे हैं।इसबार उनके समक्ष तीसरा विकल्प भी है।एल.एस.






























