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शिक्षक प्रधानमंत्री के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘अमृतकाल’ विजन के प्रेरक है : गुप्ता

शिक्षक प्रधानमंत्री के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘अमृतकाल’ विजन के प्रेरक है : गुप्ता

विनोद कुमार

वरिष्ठ पत्रकार

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि शिक्षक प्रधानमंत्री के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘अमृतकाल’ विजन के प्रेरक है। श्री गुप्ता कल शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति, महान दार्शनिक और प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 137वीं जयंती पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि जब छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई, तो उन्होंने विनम्रता से अनुरोध किया कि इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए,जो आज पूरे देश में आदर और श्रद्धा के साथ निभाई जाती है।

 उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन का जीवन हमें सिखाता है,कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं बल्कि मूल्य, अनुशासन और सत्य के प्रति आजीवन प्रतिबद्धता भी प्रदान करते हैं।उन्होंने कहा कि यह दिन महामना मदन मोहन मालवीय की प्रेरणादायी विरासत को भी याद करता है, जिनकी शिक्षा संबंधी दृष्टि मात्र साक्षरता तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसमें चरित्र निर्माण और नैतिक शक्ति का भी समावेश था। 

श्री गुप्ता ने कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक और महान राष्ट्रनेता के रूप में उन्होंने शिक्षा को सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का महत्वपूर्ण आधार माना। उन्होंने विद्या, सेवा और संस्कार को सशक्त समाज के मूल स्तंभ बताया।

श्री गुप्ता ने कहा, “प्राचीन गुरुकुलों से लेकर आधुनिकक़ कक्षाओं तक, गुरु-शिष्य परंपरा भारत की सभ्यता का केंद्र रही है। शिक्षक विद्यार्थियों को केवल परीक्षा के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए तैयार करते हैं, उनमें जिज्ञासा, सृजनशीलता, अनुशासन और करुणा का विकास करते हैं।एल.एस.

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