
डॉ.समरेंद्र पाठक
वरिष्ठ पत्रकार
पटना : बिहार विधान सभा का चुनाव ज्यों- ज्यों नजदीक आ रहा है,माहौल गरमाने लगा है।नेता एक दूसरे के पोल खोलने लगे हैं।कई दिग्गज अपने पुत्र-पुत्रियों को राजनीति में स्थापित करने के लिए पटना से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। बिहार विधान सभा का चुनाव इस अक्टूबर-नवंबर में होना है।वर्ष 2020 में कुल 243 सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव हुए थे। पहला 28 अक्टूबर को 71 सीटों के लिए, दूसरा 3 नवंबर को 94 सीटों के लिए और तीसरा 7 नवंबर को शेष 78 सीटों के लिए चुनाव हुए थे।मतों की गिनती 10 नवंबर को हुई थी।
इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 125 सीटें हासिल कर विजेता के रूप में उभरा था, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं थी। अन्य छोटे दलों ने 7 सीटें जीतीं थी,जबकि 1 निर्दलीय के खाते में गया था।इसके बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में राजग की सरकार बनी। बीच में नीतीश के पाला बदलने से महागठबंधन की भी सरकार रही।
वर्ष 2020 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर राजद उभरी थी और उसे 75 सीटें मिलीं थी।भाजपा को 74 ,जेडीयू 43, कांग्रेस 19, वामदल15 ,हम 4, एवं वीआईपी को 4 सीटें मिलीं थी। शेष अन्य को मिली थी। कुछ सदस्यों ने दलबदल भी किया। वीआईपी के सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। आजभाजपा 80 सीटों के साथ विधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी है।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इस साल के शुरू से ही राजनीतिक दलों ने कोशिशें शुरू कर दी। राजग की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई सभाएं कर चुके हैं।बड़े पैमाने पर योजनाओं के उदघाट्न एवं शिलान्यास किये गए है। उधर महागठबंधन से कांग्रेस नेता राहुल गांधी,राजद के तेजस्वी यादव,वाम नेता दीपांकर एवं वीआईपी के मुकेश सहनी मतदाता संसोधन मामले को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने में लगे हैं।
चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन स्वराज राज के वास्तविक मामलों जैसे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी एवं खराब कानून व्यवस्था आदि को लेकर पिछले दो साल से निरंतर लोगों के घर घर जा रहे हैं।इससे बिहार का चुनावी दंगल तिकोना हो गया है। उन्होंने पक्ष विपक्ष के दिग्गजों को संकट में डाल दिया है।लगातार एक के बाद एक नेताओं के पोल खोल रहे हैं।
हालांकि हाल में एक चुनावी सर्वे सामने आया है। इस सर्वे में अनुमान जताया गया है, कि राज्य में एक बार फिर से राजग सरकार की वापसी होने जा रही है। टाइम्स नाऊ नवभारत और जेवीसी ने यह सर्वे किया है। सर्वे में अनुमान लगाया गया है,कि अगर अभी चुनाव होते हैं, तो राजग को 136 सीटें मिल सकती हैं और महागठबंधन को 75 सीटें मिलेंगी। अन्य को 18 सीटें मिलने का अनुमान है। इस सर्वे से इतर जन स्वराज की स्थिति यह है,कि या तो वह आप की तरह आंधी ला देगी नहीं तो 10 से नीचे सीटें ला पाएगी।श्री किशोर भी ऐसा ही मानते हैं। एल.एस.