ज्योतिष और हेल्थ

सोने के समय Heart Attack आने के कारण जाने विस्तार से- डॉ ह्रदयेश कुमार

सोने के समय Heart Attack आने के कारण जाने विस्तार से-  डॉ ह्रदयेश कुमार

फरीदाबाद : बल्लबगढ़ फरीदाबाद हरियाणा तिरखा कॉलोनी शिव मंदिर परिसर में अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ ह्रदयेश कुमार ने सर्व शिक्षा अभियान के साथ ही स्वास्थ्य भारत जैसे अन्य संकल्पों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर हमेशा ही  अपने जीवन के साथ सामाजिक सेवाओं पर निरंतर विकास कार्यों में समर्पित रहते हैं इस पर लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपनी सेहत का ख्याल नहीं रहता है। थक-हारकर जब वे घर आते हैं तो उन्‍हें सोने का मन करता है। लेक‍िन सोने से भी कई खतरा रहता है। नींद के दौरान दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। नींद में शरीर रेस्ट मोड में चला जाता है जिससे हार्ट रेट धीमी हो जाती है।

दिल हमारे शरीर का जरूरी हिस्सा है।

ये हमारे पूरे शरीर में खून पंप करता है।

इन दिनों दिल की बीमारियां भी बढ़ रही हैं।

आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगाें को अपनी सेहत का भी ख्याल नहीं रहता है। दिनभर की बिजी शेड्यूल के बाद जब इंसान थका हारा घर आता है तो उसे बिस्तर के सिवा कुछ नजर नहीं आता है। कहते हैं कि शरीर को आराम देने के लिए सोना बहुत जरूरी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल (heart) के लिए ये वक्त कभी-कभी सबसे ज्यादा खतरों से भरा भी हो सकता है?

खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से दिल से जुड़ी कोई बीमारी हो। अक्सर आपने सुना होगा कि सामने वाले को सोते-सोते हार्ट अटैक आया और तुरंत उस व्यक्ति की मौत हो गई।  उन्होंने कहा कि नींद के दौरान दिल से जुड़ी समस्याओं, खासकर हार्ट फेलियर जैसी स्थिति का खतरा बढ़ जाता है और इसकी वजहें कई हैं। जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर एक्टिव मोड (sympathetic) से रेस्ट मोड (parasympathetic) में चला जाता है। ये बदलाव सामान्य लोगों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी है, उनके लिए ये कंडीशन धीमी हार्ट रेट (bradycardia), लो ब्लड प्रेशर, और अनियमित सांस की वजह बन सकती है। खासतौर पर ऐसा तब होता है जब इंसान गहरी नींद यानी REM sleep में होता है।

स्लीप एपनिया से बढ़ता है खतरा

उन्होंने बताया कि स्लीप एपनिया भी एक ऐसी ही स्थिति है जिसमें व्यक्ति की नींद के दौरान सांस बार-बार रुकने लगती है। इस वजह से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगता है। जिससे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इससे दिल पर दबाव पड़ता है और धीरे-धीरे दिल की कमजोरी या हार्ट फेलि‍यर का कारण बन सकता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि ये समस्या कई बार बिना पता चले बनी रहती है।

इसके अलावा जब कोई व्यक्ति लेटता है, खासकर अगर उसका दिल पहले से सही ढंग से काम नहीं कर पा रहा है तो पैरों में जमा हुआ फ्लूइड शरीर के ऊपरी हिस्से की तरफ खिसकने लगता है। इससे लंग्स में Fluid भरने, सांस फूलना और दिल पर दबाव जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसी वजह से बहुत से हार्ट फेलियर पेशेंट्स को रात में नींद टूटने या अचानक सांस फूलने की शिकायत होती है। इसे मेडिकल भाषा में Paroxysmal Nocturnal Dyspnea कहा जाता है।

स्लीप डिसऑर्डर जैसे स्लीप एपनिया की जांच करवाएं

दिल की दवाइयां समय पर लें और लाइफस्टाइल में सुधार करें

सोने का तरीका सही रखें, सिर थोड़ा ऊंचा रखें ताकि Fluid चेस्ट की तरफ न बढ़े

रात को सोने से पहले हल्का खाना खाएं

ज्यादा पानी पीने से भी बचना चाहिए

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