
अंजलि ने कभी सोचा भी नही था कि फिर से कभी स्कूल जा पाएगी संस्था दानपात्र ने स्कूल में एडमिशन करवा दिए अंजलि के सपनों को पंख
पहले दुर्गा फिर अंजलि और न जाने ऐसे कितने ही शिक्षा से वंचित गरीब बच्चों की संस्था दानपात्र बदल रहा जिंदगी
जहां आजकल शिक्षा पाना काफी आसान है, समाज के कुछ तबके के लोगों के लिए यह आज भी एक चुनौती है। ऐसे में संस्था दानपात्र फाउंडेशन ने वंचित बच्चों को शिक्षा दिलाने का जिम्मा उठाया है जो कि एक सराहनीय पहल है। "दानपात्र फाउंडेशन" गरीबों की भोजन , इलाज व अन्य मदद के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान दे रहा है। समाज के पिछड़े और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए संस्था दानपात्र का "शिक्षा सबके लिए " नाम का यह अभियान रोशनी की किरण बनकर सामने आया हैं।
संस्था दानपात्र ने
हाल ही में एक झुग्गी में रहने वाली लड़की अंजलि की मदद कर मानवता की मिसाल कायम की है अंजलि जो आगे पढ़ना लिखना चाहती थी पर पैसों की कमी की वजह से उसकी पढ़ाई रोक दी गई और अपनी मां की तरह उसे भी लोगों के घरों में बर्तन मांझने जाना पड़ा जब यह बात संस्था "दानपात्र" को पता चली तो उन्होंने तुरंत बच्ची के माता पिता से संपर्क कर उनसे बात की और बच्ची के स्कूल जाकर फीस भरकर उसका एडमिशन करवा दिया जिससे एक मासूम बच्ची का भविष्य खराब होने से बच गया ये बच्ची झुग्गी बस्ती में रहती है पिता बीमारी की वजह से काम नही कर पाते और मां लोगों के घरों में बर्तन मांझकर जैसे तैसे घर का गुजारा करती है बच्ची आगे पढ़ना चाहती है अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है जिससे आगे चलकर अपने मां बाप का सहारा बन सके संस्था ने न सिर्फ बच्ची का एडमिशन स्कूल में करवाया बल्कि आर्थिक रूप से बच्ची के परिवार की मदद भी की जिससे वह निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सके और अपने सपनों को पूरा कर सकें । "दानपात्र" की इस कोशिश की हर जगह सराहना हो रही है
दानपात्र संस्थान और संस्थापकों का मानना है कि देश का असली विकास तभी होगा जब हर बच्चा शिक्षित होगा। मजबूत आर्थिक स्थिति वाले बच्चों के लिए शिक्षा की राह आसान है लेकिन वंचित वर्ग के बच्चों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए काफी परेशानियों से जूझना पड़ता है। ऐसे में दानपात्र का " शिक्षा सबके लिए " अभियान , शिक्षा से वंचित बच्चों को उम्मीद दिलाती हैं कि वो भी दूसरे बच्चों की तरह अच्छी से अच्छी शिक्षा पाने के हकदार हैं।
"दानपात्र" क्या है कैसे हुई इसकी शुरुआत ?
"दानपात्र" फाउंडेशन पिछले 7 वर्षों से गरीब , बेघर , बेसहारा लोगों की मदद करती आई है और आज भी संस्था का यह कार्य निरंतर जारी है संस्था द्वारा अब तक लगभग 35 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है देश भर में कार्य कर रही संस्था गरीब बच्चों की शिक्षा से लेकर , बीमार लोगों के इलाज तक हर तरह से गरीबों की सेवा में सहयोग करती आई है संस्था दानपात्र का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड , 2 बार इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ साथ कई रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जा चुका है संस्था के संस्थापक यश गुप्ता द्वारा एक 7 साल के छोटे से बच्चे की मदद करने के उद्देश्य से इस संस्था की शुरुआत की गई थी जिसका आज देशभर में नाम है और अब यह लाखों गरीबों का मसीहा बन चुकी है इनके द्वारा आए दिन बड़े पैमाने पर अलग अलग जगहों , गांवों में अभियान चलाकर गरीब जरूरतमंद लोगों की मदद की जाती है जिससे आर्थिक परिस्थितियों , मुश्किल हालातों से गुजर रहे लोगों को जीने की नई आस मिल रही है
आप भी दानपात्र के इस मिशन से जुड़ सकते है
कोई भी वॉलंटियर के रूप में जुड़कर या किसी जरूरतमंद की जानकारी संस्था तक पहुंचाकर इस पहल का हिस्सा बन सकते है आप इनसे जुड़ने के लिए दानपात्र के हेल्पलाइन नंबर 6263362660 पर संपर्क कर सकते हैं या सोशल मीडिया पर दानपात्र को फॉलो करके जुड़ सकते है