राष्ट्रीय

शिव धनुष को तोड़ सीता का वरण किया श्रीराम ने....

शिव धनुष को तोड़ सीता का वरण किया श्रीराम ने....

राकेश यादव 

धनुष उठाने में असमर्थ रावण की हुई जगहसाईं....

शिव धनुष के टूटने पर क्रोधित हुए परशुराम....

छिंदवाड़ा/जुन्नारदेव : क्षेत्र की प्रतिष्ठित ऐतिहासिक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहर श्री रामलीला में बीती रात्रि को धनुष यज्ञ, रावण-बाणासुर संवाद और लक्ष्मण-परशुराम संवाद की लीला का मंचन किया गया। इस लीला में मिथिला नरेश जनक के आमंत्रण पर सीता स्वयंवर में पहुंचे श्री राम के द्वारा शिव धनुष का भंजन कर सीता का वरण किया। इस लीला में जब विभिन्न देशों के राजकुमारों के द्वारा अथक प्रयास किए जाने के बावजूद शिव धनुष को नहीं तोड़ने पर राजा जनक की हताशा को लक्ष्मण के द्वारा उलाहना दी गई और अपने जेष्ठ भ्राता श्री राम के प्रताप और बल का उल्लेख कर शिव धनुष को तोड़ दिए जाने का पक्का वचन दिया गया।

कुछ ही देर में भगवान श्री राम के द्वारा इस शिव धनुष का भंजन कर दिया गया। जहां पर उपस्थित दर्शकों ने करतल ध्वनि से मुक्त कंठ से खड़े होकर अभिवादन भी किया। ऋषि परशुराम को शिव धनुष के टूट जाने आहट लगने पर वह मिथिला पहुंचकर खासे क्रोधित हो गए और फिर उन्होंने इस शिव धनुष का भंजन करने वाले राजा को दंड देने का एलान कर दिया। लक्ष्मण परशुराम संवाद के दौरान ही ऋषि परशुराम को भगवान नारायण के द्वारा श्री राम के रूप में जन्म लेने का एहसास होने पर वह शांत होकर नमन करते है।

इससे पहले इस सीता स्वयंवर में रावण बाणासुर के बीच के संवाद की लीला का भी मंचन किया गया। आज की इस लीला में अनुरूप शर्मा, शैलेंद्र मिंटू शर्मा, शंकर लाल सेन, सत्येंद्र शुक्ल, दुर्गा प्रसाद डहाट, मुन्नालाल जमधरिया, अमन सोनी संजय विश्वकर्मा, हर्षित सोनी, देवांश मालवीय, राधे बंडेवार, ऋतिक कुमार, अनुभव शर्मा के द्वारा निभाए गए पात्र के सजीव अभिनय को खासी सराहना मिली।

शिव धनुष उठाने में असमर्थ रावण की हुई जगहसाई लौटे लंका....

राजा जनक के द्वारा सीता के स्वयंवर का आयोजन किया गया। इसमें पाताल नरेश बाणासुर के साथ लंकाधिपति रावण का भी आगमन हुआ। यहां पर रावण के गुरुभाई बाणासुर ने शिव धनुष की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए रावण को इस स्वयंवर में शामिल न होने की सलाह दी, लेकिन अहंकार में डूबा रावण ने किसी की नहीं मानी और वह शिव धनुष उठाने जा पहुंचा। जहां पर वह उसे उठाने में असमर्थ हो गया। इतने में रावण की बहन कुंभनिशा के हर जाने की आकाशवाणी को सुनकर वह वापस लंका लौट जाता है।

विट्ठल राजा के अभिनय पर लोटपोट हुए दर्शक....

सीता स्वयंवर में कपोल कल्पित पात्र राजा विट्ठल भी पहुंचते हैं। अपनी विशिष्ट वेशभूषा और मोटी-चौड़ी काया में उन्हें देखकर दर्शक वर्ग में खासा रोमांच आ गया था इस भूमिका को अभिनीत कर रहे पत्रकार तरुण बत्रा के अभिनय पर दर्शकगण लोटपोट होते दिखे।

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