(राकेश यादव)
विगत दो माह से आम जनमानस में राशन के लिए त्राहिमाम
छिन्दवाड़ा/जुन्नारदेव : दतला वेस्ट प्राथमिक उपभोक्ता भंडार द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान बिलावरकला की जांच में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है गत जनवरी 2022 से की गई 24 महीने की जांच में लगभग 200 क्विंटल से भी अधिक राशन का भ्रष्टाचार किया जाना पाया गया है प्रबंधक शहजाद अहमद सहायक प्रबंधक बलदेव राजपूत द्वारा बड़ी मात्रा में राशन को खुर्द - बुर्द कर दिया गया है तथा हर महीने अतिरिक्त आवंटन की मांग शासन से उनके द्वारा लगातार की जा रही है एवं मशीन में राशन बैलेंस चला आ रहा है।
विगत 3 महीने से इस संस्था द्वारा संचालित दुकानों में राशन वितरण भी सुव्यवस्थित ढंग से नहीं हो पा रहा है जांच में यह भी तथ्य सामने आए की 6 महीने में ही लगभग 180 क्विंटल खाद्यान्न गबन कर लिया गया जिसका कोई हिसाब संस्था के पास नहीं है।
अन्य दुकानों में भी है गड़बड़ी ---- दातला वेस्ट प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार के अधीनस्थ अन्य शासकीय उचित मूल्य की दुकानों गोरखघाट,कोल्हिया में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया है जो जांच के दौरान सामने आ सकता है।
नियमविरुद्द अन्य दुकानों का भी संचालन ---- दातला वेस्ट के प्रबंधक शहजाद अहमद द्वारा शासन प्रशासन की नाक के नीचे नियमविरुद्ध ढंग से संस्था में संलग्न दुकानों के अतिरिक्त अन्य राशन दुकानों का संचालन भी किया जा रहा है। जिसमें खापा स्वामी और छाबड़ा में भारी गबन किया गया है इन पंचायतों के हितग्राही भी विगत दो माह से राशन के लिए तरस रहे हैं। जिनकी भी उच्चस्तरीय जांच की जाना आवश्यक है।
न्यायालय में विचाराधीन है प्रकरण ---- शहजाद अहमद पर राशन तस्करी से संबंधित मामला भी न्यायालय में विचाराधीन है। तथा जुन्नारदेव थाने में इसपर एफ.आई.आर भी दर्ज है। नियमानुसार दातला वेस्ट भंडार कोई भी राशन की दुकान संचालित नहीं कर सकता परंतु अधिकारियों से साठगांठ के चलते इसके द्वारा बेखौफ होकर राशन दुकानों का संचालन तो किया ही जा रहा है साथ ही यदा - कदा राशन गायब कर दिया जाना आम बात हो चुकी है।
एक और जहां शासन प्रशासन जीरो टॉलरेंस का रवैया अपनाने की बात करता है साथ ही दूसरी ओर शहजाद अहमद जैसे लोगों को फुल टोलरेंट करने की छूट भी शासन प्रशासन में बैठे लोग ही दे रहे हैं। नतीजतन खामियाजा आम जनमानस भुगत रही है। दातला वेस्ट द्वारा संचालित सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकान की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए साथ ही जांच दल का गठन कर जांच होनी चाहिए जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके एवं जांच की निष्पक्षता पर सवाल न खड़े हो। बहरहाल जो भी हो जांच हो अथवा ना हो परंतु सभी हितग्राहियों को पूरा राशन तो प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर दिलाया ही जाना चाहिए।
इनका कहना है - नियमानुसार हितग्राहियों के समक्ष में जांच की गई है जो अंतर पाया गया है इसके संबंध प्रतिवेदन में प्रस्तुत किया गया है।
राघवेंद्र सिंह लिल्हारे
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी
जुन्नारदेव