बिहार : बिहार के बेगूसराय ज़िले का ताज़ा मामला है, जहां शराब माफियाओं का आतंक देखने को मिला है। बेगूसराय के नावकोठी थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक कार में शराब ले जायी जा रही है। सूचना के आधार पर रात्रि गश्ती वाहन भेजा गया।
कार को रोकने के लिए छतौना बूढ़ी गंडक नदी पुल के पास इंस्पेक्टर खमास चौधरी तीन अन्य होम गार्ड जवानों के साथ पुलिस की गाड़ी लेकर खड़े थे। पुलिस की गाड़ी देख कार चालक ने रफ्तार बढ़ा दी और इंस्पेक्टर खमास चौधरी को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गयी।
वहीं एक अन्य होम गार्ड जवान भी घायल हो गया है, जिसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस पूरे मामले में योगेन्द्र कुमार ( एसपी, बेगुसराय) ने बताया कि एक विशेष टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच की जा रही है। टीम ने गाड़ी मालिक को गिरफ्तार कर लिया है, पूछताछ चल रही है।
शराब माफियाओं के आतंक पर लोगों में काफी रोष है, उनका कहना है कि सरकार शराबबंदी सफल होने का राग अलाप रही है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है, आए दिन ज़हरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है। पुलिस कार्रवाई करने जाती है तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है। बिहार सरकार को चाहिए की शराबबंदी को खत्म कर दे, ताकि शराब माफिया पैदा नहीं हो और ना ही ज़हरीली शराब पीने से लोगों की जान जाए। अभी हाल ये है कि शराब तो मिल रही है, बस फर्क इतना है कि जो शराब 100 की मिलती थी वह 250 की मिल रही है। शराबबंदी कहीं भी नहीं है, शराब की होम डिलीवरी हो रही है।
मीडिया इनपुट