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राजिम माघी पुन्नी मेला अब राजिम कुंभ के नाम से जाना जाएगा, साय सरकार ने बदला नाम, पं धीरेंद्र शास्त्री भी होंगे शामिल...

राजिम माघी पुन्नी मेला अब राजिम कुंभ के नाम से जाना जाएगा, साय सरकार ने बदला नाम, पं धीरेंद्र शास्त्री भी होंगे शामिल...

गरियाबंद : राजिम माघी पुन्नी मेला अब राजिम कुंभ (कल्प) के नाम से जाना जाएगा। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने नाम बदल दिया है। कैबिनेट में इसका फैसला लिया गया। साय सरकार के मंत्रियों की कैबिनेट बैठक शुक्रवार को विधानसभा में रखी गई थी। सरकार ने राजिम कुंभ (कल्प) मेले को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसका आयोजन 24 फरवरी से 8 मार्च तक होगा।

इस बैठक में राजिम के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव को फिर से स्थापित करने के लिए इस फैसले को जरूरी बताया गया है। कैबिनेट बैठक में जल की शुद्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार की ओर से जल संशोधन विधेयक 2023 के संबंध में विधानसभा में संकल्प लाने का निर्णय लिया गया।

24 फरवरी से आयोजन, जानिए क्या-क्या होगा

धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि राजिम कुंभ कल्प का आयोजन 24 फरवरी से 8 मार्च तक होगा। हाल ही में मंत्री ने गरियाबंद, रायपुर, धमतरी जिले के अधिकारी कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधि और मेला समिति के सदस्यों के साथ बैठक की है।

राजिम कुंभ कल्प को इस बार रामोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है। सरकारी अधिकारियों को निर्देश हैं कि आयोजन में राजिम कुंभ की भव्यता दिखे। मेले में इस दौरान तीन पुण्य स्नान होंगे। देशभर से बड़ी संख्या में नागा साधु संत भी कुंभ में आयेंगे। भाजपा की सरकार आने से पहले कांग्रेस के कार्यकाल में राजिम कुंभ का नाम बदलकर माघी पुन्नी मेला कर दिया गया था। अब भाजपा की सरकार पांच साल बाद राजिम कुंभ को भव्यता से आयोजित करने जा रही है।

देश के मशहूर संत आएंगे

राजिम के मेले में विश्वस्तरीय साधु संतों में बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री, पंडित प्रदीप मिश्रा भी आयेंगे। दोनों ही संतों को मानने वाले करोड़ों लोग हैं। रायपुर में पिछले दिनों हुए दोनों ही संतों के कार्यक्रमों में 7 से 8 लाख लोग पहुंचे थे।

मंत्री अग्रवाल ने पीडब्ल्यूडी अधिकारी से तैयारी की जानकारी ली है। उन्होंने रायपुर से गरियाबंद निर्माणाधीन सड़क सहित छुरा, जतमई, घटारानी, धमतरी सड़क एवं राजिम महासमुंद जाने वाले सड़कों में चल रहे कार्यों की जानकारी लेकर निर्माण कार्यों को पूर्ण कर चलने लायक बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सड़कों में उड़ने वाले धूल से बचाव के लिए लगातार पानी भी छिड़काव करने के निर्देश दिए।

बिजली विभाग कुंभ मेला के दौरान लाइटिंग, ट्रांसफॉर्मर, जनरेटर की व्यवस्था, सजावट, पुल पुलिया में रोशनी का बंदोबस्त करेगा। पीएचई विभाग को मेला स्थल में पर्याप्त जलापूर्ति करने और लगभग 300 शौचालय निर्माण के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग से पर्याप्त जलाऊ लकड़ी, झोपड़ी निर्माण, यज्ञ के लिए आवश्यक लकड़ी व्यवस्था करने को कहा गया है।

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मेला अवधि के दौरान तीनों जिलों रायपुर, गरियाबंद, धमतरी के परिवहन विभाग को कोऑर्डिनेशन करते हुए सभी दिशाओं से लगभग 100 बस अलग-अलग टाइमिंग में रात 2 बजे तक चलाने के निर्देश दिए हैं। ताकि मेला आने वालों को आवागमन में परेशानी न हो। साथ ही बस में सुरक्षा की दृष्टि से होम गार्ड भी रखना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

खाद्य विभाग को पर्याप्त संख्या में दाल भात केंद्र संचालित करने कहा गया है। तीनों जिलों के अधिकारी को प्लान करके 100 से अधिक दाल भात केंद्र खोलने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सामाजिक संस्थानों का भी इसमें सहयोग लेने के निर्देश दिए। जिससे मेले में आने वालों को खाने पीने में असुविधा न हो। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने महानदी में पानी छोड़कर नदी को साफ करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने घाट निर्माण करने भी कहा है।

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