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सेक्टर 56 में संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया गया -डॉ एमपी सिंह

सेक्टर 56 में संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया गया -डॉ एमपी सिंह

School Of Culture : अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के द्वारा हर सप्ताह आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया जाता है जिसके तहत इस बार सेक्टर 56 में संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे पहले हमें देश की मजबूती तथा देश की एकता अखंडता के लिए काम करना चाहिए बचपन से ही हमें अपने बच्चों में देशभक्ति भरनी चाहिए देश भक्ति के गीत सुनने चाहिए सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव बिस्मिल खुदीराम बोस महात्मा गांधी  आदि का इतिहास बताना चाहिए डॉ एमपी सिंह ने कहा कि आजादी से पहले मुगलों के शासन तथा अंग्रेजों के शासन के बारे में बताना चाहिए जब बचपन में उक्त बातों का बोध हो जाएगा तो विद्यार्थी जीवन में गलत का विरोध करना सीख जाएगा तथा अपने महापुरुषों को ध्यान में रखते हुए देश की आजादी पर आच नहीं आने देंगे

इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह ने शिक्षा ,सभ्यता, संस्कार की बात भी कहीं तथा माताऔ को आगाह किया  कि माता के लिए सबसे पहली प्राथमिकता बच्चों के लालन पालन के साथ-साथ संस्कारों की होती है अधिकतम समय माता को अपने नन्हे मुन्ने बच्चों को देना चाहिए 

गली मोहल्ले में बैठकर इधर-उधर की चुगली करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है  अपने परिवार को साथ लेकर तथा परिवार में संमजस्य बिठाकर जो लोग चलते हैं वह समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत होते हैं  इसलिए हमें व्यसन आदि में ध्यान नहीं देना चाहिए 

  • नशा नहीं करना चाहिए
  •  दिन में नहीं सोना चाहिए
  •  रात को लेट हॉवर्स में मित्रता को निभाने के लिए किसी दूसरे के घर नहीं जाना चाहिए
  •  अपने बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए
  •  संघर्ष में पीछे नहीं रहना चाहिए
  •  ईमानदारी से ही कार्य करना चाहिए
  •  सत्य का ही साथ देना चाहिए
  •  किसी के खिलाफ साजिश नहीं रखनी चाहिए
  •  किसी को झूठे केशों में नहीं लपेटना चाहिए
  •  कमजोर पर वार नहीं करना चाहिए
  •  किसी की मेहनत मजदूरी को नहीं रखना चाहिए
  •  बहन बेटियों का सम्मान करना चाहिए
  •  माता-पिता और गुरुओं का आदर करना चाहिए
  •  किताबों को ही अपना सच्चा मित्र बनना चाहिए
  •  मरते दम तक पढ़ते रहना चाहिए तथा मोटिवेशनल  स्पीकरों को सुनते रहना चाहिए

उक्त कार्यक्रम में सैकड़ो बड़े लोगों ने भाग लिया जिसमें महिलाओं की भागीदारी भी सराहनीय रही

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