मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मामले में हिंदू सेना ने एक बार फिर अमीन रिपोर्ट का आदेश मांगा है। कहा कि अमीन रिपोर्ट रोकने का कोई कानूनी आधार नहीं है। दावा किया कि जिस जगह पर ईदगाह बनी है, वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा ट्रस्ट की है।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में ईदगाह की अमीन रिपोर्ट संबंधी आदेश पर रोक के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश को पक्षकार हिंदू सेना ने चुनौती दी है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान पक्षकार के अधिवक्ता ने अमीन रिपोर्ट रोकने संबंधी आदेश को कानूनी रूप से निराधार बताया।

 

कहा कि अमीन रिपोर्ट आने से प्रतिवादीगण के किसी भी अधिकार का हनन नहीं होगा। बल्कि केस की सच्चाई भी पता लग जाएगी और दावे का निस्तारण करना भी आसान होगा। अदालत ने ईदगाह पक्ष को जवाब देने के लिए 17 अप्रैल तक का समय दिया है। अदालत में इस दिन इसी बिंदु पर सुनवाई होगी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन पर बनी है ईदगाह
हिंदू सेना के दावे में कहा गया है कि, जिस जगह पर ईदगाह बनी है, वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा ट्रस्ट की है। इसी जमीन पर बने ठाकुर केशवराय के मंदिर के तोड़कर औरंगजेब ने ईदगाह बनवाई थी। इसकी दीवारों पर आज भी मंदिर संबंधी चिह्न मिलते हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट नीरज गोंड की अदालत ने गत 29 मार्च को ईदगाह की अमीन रिपोर्ट के आदेश दिए थे।

इसके विरोध में ईदगाह पक्ष ने तीन दिन तक लगातार प्रार्थना पत्र दिए। इनमें से एक प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अमीन रिपोर्ट के अपने आदेश पर रोक लगा दी थी। हिंदू सेना के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने मंगलवार को इसी मामले में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी अदालत ने अमीन रिपोर्ट को इस आधार पर नहीं रोका कि आदेश सात नियम 11 पर निर्णय लंबित है।

17 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
अमीन रिपोर्ट आने से प्रतिवादीगण के कोई भी अधिकार प्रभावित नहीं हो रहे हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि ईदगाह पक्ष ईदगाह में मौजूद उन साक्ष्यों को नष्ट कर रहा है, जिनसे साबित होता है कि कभी मंदिर तोड़कर उसे बनाया गया था। अदालत में मौजूद सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जीपी निगम ने अदालत से इस मामले में जवाब देने के लिए समय की मांग की। इस पर 17 अप्रैल की तारीख तय की गई।

शैलेष दुबे ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अदालत को भ्रमित कर ईदगाह की अमीन रिपोर्ट के आदेश को रुकवा दिया है। उधर सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के अधिवक्ता जीपी निगम ने बताया कि ईदगाह की अमीन रिपोर्ट कराए जाने संबंधी आदेश का कोई आधार नहीं है। वह तय तारीख को अपना पक्ष रखेंगे।
अमीन रिपोर्ट के समय जाना मेरा मौलिक अधिकार
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में अमीन रिपोर्ट के दौरान खुद के मौजूद रहने संबंधी प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने अदालत से प्रार्थना की कि अमीन रिपोर्ट के समय उन्हें मौके पर रहने दिया जाए और यह उनका मौलिक अधिकार है। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र को सुनवाई के लिए रख लिया है। वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि अमीन रिपोर्ट के समय मौके पर रहने संबंधी उनका प्रार्थनापत्र भी अदालत में लंबित है।
18 को होगी केस एकीकृत कर सुनवाई
श्रीकृष्णजन्म भूमि-ईदगाह विवाद से जुड़े सभी मामले एक ही जगह सुने जाए, इसके संबंध में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 18 अप्रैल को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने यह याचिका दायर कर रखी है।। याचिका में मांग की गई है कि मथुरा की अदालत में चल रहे सभी केस को एक करके हाईकोर्ट लाया जाए।

पक्षकार एडवोकेट महेन्द्र प्रताप सिंह ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि क्योंकि 12 में से 9 पक्षकार मथुरा के हैं और जिस जमीन पर विवाद है वह मथुरा में ही है। इसलिए इन केस को हाईकोर्ट के बजाए मथुरा में ही एकीकृत कर सुना जाए। इसके लिए मथुरा में एक अदालत तय कर दी जाए।
केस स्थानातंरण प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 21 को
ईदगाह पक्ष ने हिंदू सेना के वाद को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में स्थानांतरण के लिए जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। पक्षकार के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि इस केस में अब वह 21 अप्रैल को अपना पक्ष रखेंगे।