जय प्रकाश ठाकुर
सामाजिक कार्यकर्ता व सर्व मूल समाज प्रवक्ता संजय पंत ने जारी प्रेस नोट में कहा कि ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा मुहैया करवाने हेतु ग्राम सभा में पारित व पास कर निर्माण कार्यों के लिए जिला जनपद कार्यालयों में स्वीकृत करवाने हेतु सरपंचों के द्वारा फाइल जमा किए जाते है स्वीकृत नहीं मिल पाती है। फ़ाइलें दबा दिए जाते हैं। ग्राम सभा में पारित कर जनता का मांगों को शासन प्रशासन के द्वारा अनदेखा किया जाता है। वही फाइल को अगर पार्टी समर्थक ठेकेदार के द्वारा जिला शासन प्रशासन को अवगत कराई जाती है तो तुरंत बिना रुके,39,लाख रुपए का सड़क निर्माण कार्य को स्वीकृति मिल जाती है। और ठेकेदार ने स्वयं सड़क निर्माण कार्य को करते हुए खानापूर्ति काम करने में लग जाते हैं। और किसानों को बगैर पूछे किसानों के उपजाऊ कृषि संमतली भूमि को उत्खनन कर सड़क पर डालवाया जा रहा है और किसानों को क्षति पहुंचाया जा रहा है किसान दुखी व परेशान हैं। जो मूल समाज हित में नहीं है। पांचवी अनुसूची क्षेत्र के पढ़े लिखे बेरोजगार लोगों का करने वाले कामों को अगर किसी ठेकेदार के द्वारा जेसीबी मशीनों से काम करवा कर बेरोजगारों का हक मारना व हक छीनने का काम पार्टी समर्थक ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा है। सर्व समाज घोर निंदा करता है और विरोध भी।
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ग्राम पंचायतों के युवा युवती मजदूरी करने जा रहे हैं बाहर पंचायतों में जसेपी से काम करा रहे हैं ठेकेदार।
सामाजिक कार्यकर्ता व समाज प्रवक्ता संजय पंत ने यह भी कहा कि पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में आदिकाल से निवासरत मूलनिवासी ग्रामवासी युवा युवती पढ़े लिखे व ग्राम पंचायतों के बेरोजगार लोगों को कुली मजदूरी करने के लिए आंध्रा तेलंगाना चेन्नई जाने पढ़ रहे ग्राम पंचायतों में कुली मजदूरी करने के काम तक नहीं मिल पारहे है स्थानीय बेरोजगारों के करने का कामों को ठेकेदार के द्वारा जेसीपी मशीनों से करवाया जा रहा है। और स्थानीय बेरोजगारों का हक छीना जा रहा है मारा जा रहा है। जो लोग जल जंगल जमीन के मालिक हैं वहां लोगों को शासन-प्रशासन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में निर्माण कार्य का काम व रोजगार मुहैया नहीं करवा पा रही है। पार्टी समर्थक ठेकेदार के द्वारा धड़ल्ले से पांचवी अनुसूची क्षेत्र में करोड़ों का काम संचालित है चल रहा है।आदिकाल से निवासरत मूल समाजों का हक अधिकारों को किसी ना किसी तरीके से छीना जा रहा है हक मारा जा रहा है मूल समाज से सभी समाजों के पढ़े-लिखे बुद्धिजीवियों को समझने की सच्चाई को जानने की आवश्यकता है। राजनीतिक पार्टियों में मूल समाज से जो लोग जनप्रतिनिधि नेता मंत्री बने हैं या समाज के द्वारा चुने गए हैं। वह लोग चकाचौंध जिंदगी जीने के चक्कर में खुद के निजी स्वर्ग जिंदगी के लिए धन जुटाने के चक्कर में खुद के अपने समाज को भूल जाने में ही अपने आप को बुद्धिमानी समझने में लगे हुए हैं।खुद के समाज के जल ज़मीन जंगल खनिजों को व अपने खुद के समाज के हक अधिकारों को बचा नहीं पा रहे हैं। पता नहीं कौन सा नेतागिरी और कैसा नेतागिरी किनसे नेतागिरी कर रहे हैं समझ से परे है।
बीजेपी कांग्रेस में मूल समाज से जो लोग जनप्रतिनिधि नेता मंत्री बने हैं खुद पांचवी अनुसूची का कर रहे हैं उल्लंघन।
सामाजिक कार्यकर्ता व समाज प्रवक्ता संजय पंत ने यह भी कहा कि कांग्रेस व बीजेपी पार्टी में मूल समाज से जो लोग जनप्रतिनिधि नेता मंत्री बने हैं सर्व मूल समाज के जनता के द्वारा चुने जा रहे हैं,वह लोग खुद पांचवी अनुसूची का पालन ना कर उल्लंघन करते देखा जा सकता हैं। पांचवी अनुसूची का स्थानीय जनप्रतिनिधि नेता खुद उल्लंघन कर रहे हैं और बस्तर में आदिकाल से मूल निवासरत खुद के अपने आदिवासी समाज व सर्व मूल समाजों के जल जमीन जंगल व खनिजों को बाहरी बड़े बड़े पूंजी पतियों व धनाढ्य घरानों के लोगों को बेचने में गिरवी रखने में रात दिन लगे हुए हैं। जो मूल समाज हित में नहीं है। मूल समाज ने विश्वास भरोसा कर जिन लोगों को जल जमीन जंगल खनिजों व मूल हक अधिकारों को सुरक्षित संरक्षित करने हेतु समाज के जनता ने अपनी कीमती वोट देकर चुनकर भेजती है वही सज्जन लोग खुद के अपने समाज का मौलिक अधिकार को पूंजीपति धनाढ्य घरानों को बेचने में लगे हैं। खुद के समाज को नहीं बचा पा रहे हैं। ना खुद के समाज का जल जमीन जंगल खनिजों को बचा पा रहे हैं। मूल समाज अपने हक अधिकार को लूटता हुआ छिनता हुआ देख बचाने के लिए रैली धरना हड़ताल करने पढ़ रहे है।भटक ने पढ़ रहे हैं न्याय नहीं मिल पा रहा है।सर्व मूल समाजों के मुल हकअधिकारों को छीनने वालों लुटेरों से बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पड़ रहे हैं भटकने पढ़ रहे हैं। जबकि मूल समाज से कांग्रेस व बीजेपी पार्टी में बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि नेता मंत्री होते हुए भी। खुद के अपने समाज व मूल अधिकारों को बचा नहीं पा रहे हैं। सर्व मूल समाजों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण की बात है।
आदिकाल से मुल निवासरत सर्व मूल समाजों के साथ चलने की इच्छा शक्ति जुटाए व दुरुस्त करें जनप्रतिनिधि नेता मंत्री।
सामाजिक कार्यकर्ता व समाज प्रवक्ता संजय पंत ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस में मूल समाज से जो भी लोग कार्यकर्ता जनप्रतिनिधि नेता मंत्री बन रहे हैं या मूल जनता के द्वारा चुने जा रहे हैं। वह लोग खुद के अपने समाज को अपने निजी स्वार्थ वश अपने आप से दूर करते हैं। और मूल समाज के जल जमीन जंगल खनिजों को हड़पने वाले कब्जा करने वाले बाहरी पूंजीपति धनाढ्य घरानों के लोग बस्तर संभाग में आबसे हैं वह लोगों को अपने करीब रखते हैं और मिलीभगत कर उन्हीं के द्वारा खुद के समाज व सर्व मूल समाजों के जल जमीन जंगल खनिजों को मुल हक अधिकारों को हड़पने व दोहन करने में कोई कोर्स ऊऊ कसर छोड़ता नजर नहीं आता रहे हैं।