हाशिम खान
सूरजपुर : श्रीमती सुलोचनी ग्राम पंचायत कुंजनगर में आवास हितग्राही ने बताया कि उनका जीवन सामान्य यापन चल रहा था। उनके पति प्राइवेट वाहन चालक है। जो नित्य दिवस कमाई के उद्देश्य से घर से बाहर चले जाते है। हमारे दो छोटे- छोटे बच्चे है, जिनके देख- रेख और पढ़ाई- लिखाई में मैं दिन भर लगी रहती हूं। इतना समय नहीं होता था कि हम एक अच्छा जीवन यापन के लिए आवश्यक मूलभूत जरूरतों के बारे में बात भी कर सके या सपने देख सकें। मिट्टी के दीवाल और खपरैल का मकान हमेशा हमारे लिए परेशानियों का सबब बना रहा, जिसके मरम्मत में ही काफी बचत लग जाता था। इसी बीच जब ग्राम सभा के माध्यम से सचिव व सरपंच द्वारा पता चला कि मेरे पति के नाम से पक्का मकान आया है तो हमारे खुशी का ठिकाना न रहा। हमसे आवश्यक दस्तावेज मांगे गए और जहां पर मकान बनाना है, वहां का फोटो लिया गया। उक्त कार्य के लिए मुझे किसी को कोई रुपए देने की जरूरत नहीं पड़ी और कुछ दिनों में ही मेरे पति के खाते में प्लिंथ बनाने के लिए प्रथम किस्त की राशि 35,000/ प्राप्त हो गई। हमें सामग्री का उतना ज्ञान नहीं था किंतु ग्राम पंचायत के इंजीनियर ने हम लोगों का बहुत सहयोग किया। हमने जैसे जैसे कार्य संपन्न किए, अगली किस्त की राशि तत्काल मिलते गई। हमारा आवास 2018-19 में स्वीकृत हुआ था और हमने बहुत जल्दी ही इसे पूर्ण कर लिया। इस प्रकार हमे कुल 1,20,000/- और मनरेगा का 90 दिन का राशि लगभग 15,000/- आवास बनाने के दौरान काम करने के लिए अलग से मिला। कुछ अपनी बचत राशि को भी हमने आवास में लगाया और एक सुंदर और अच्छा आवास बना पाए। आज इस आवास में मैं, मेरे पति और दोनो बच्चे बड़े मजे से रहते है। अब घर में पानी गिरने व बार- बार छप्पर ठीक करने या सीलन जैसी समस्याओं से पूरी तरह से निजात मिल गई है। कच्चे मकान के मरम्मत में लग रही राशि को हम अब बच्चो की पढ़ाई और अन्य जरूरी कार्यों में खर्च कर रहे है। इससे समाज में हमारी स्तिथि में काफी सुधार हुए है।
उन्होंने का कहा कि आज हमारे बीच में हमारी दीदी लक्ष्मी राजवाड़े है जो आज विधायक के बाद मंत्री भी बन चुकी है और आज उनके हाथों से अच्छा आवास बनाने के यह सम्मान प्राप्त करना, मेरे लिए गर्व की बात है। अपनी इस व्यथा को सुनाकर आज मुझे और खुशी हो रही है। मैं सरकार और जिला प्रशासन का बहुत बहुत धन्यवाद और आभार व्यक्त करती हूं। जो इतनी सुंदर योजना हमारे बीच लाए है।