
Protest Against Emergency: कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में रिलीज़ हो चुकी है। लोगों को यह फिल्म पसंद भी आ रही है। इस फिल्म में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भारत में 1975 में इमरजेंसी लगाने की सच्ची घटना दिखाई गई है। ऐसे में जहाँ इस फिल्म को पसंद किया जा रहा है, तो ऐसे भी लोग हैं जो इस फिल्म को पसंद नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोग फिल्म का विरोध भी कर रहे हैं। यूके (UK) में भी कंगना की इमरजेंसी फिल्म रिलीज़ हुई है, लेकिन कुछ जगहों पर इसका विरोध हो रहा है।
“सिख विरोधी” फिल्म
यूके में कुछ जगहों पर सिनेमाघरों में इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की जा रही हैं और बाधा भी डाली जा रही हैं। इसके पीछे खालिस्तानी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है, जो इस फिल्म को “सिख विरोधी” बता रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
भारत ने बताया “फ्रीडम ऑफ स्पीच का उल्लंघन”
यूके में कंगना की फिल्म इमरजेंसी के विरोध और इसकी स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिशों पर भारत की तरफ से बयान सामने आ गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज इस बारे में बात करते हुए कहा, “हमने कई रिपोर्ट देखी हैं जिससे हमें पता चला कि यूके में कई सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जा रही फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की जा रही है और साथ ही इसमें अड़चनें भी पैदा की जा रही हैं।”
“हम लगातार भारत विरोधी तत्वों के हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके सरकार के साथ चिंता व्यक्त करते हैं। इस तरह की हरकत फ्रीडम ऑफ स्पीच का उल्लंघन है। अभिव्यक्ति की आज़ादी सभी को होनी चाहिए और इसे चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। जो भी फ्रीडम ऑफ स्पीच को बाधित कर रहा है, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना ज़रूरी है।”
“हमें उम्मीद है कि यूके सरकार इस मामले में ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के लोगों की सुरक्षा और उनके हितों के लिए नियमित रूप से संपर्क में रहता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके अधिकारों का हनन न हो।”(एजेंसी)