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बांग्लादेश में जारी हिंसा से दक्षिण एशिया में हलचल, 440 मरे,हज़ारों घायल,शेख हसीना का अज्ञातवास।

बांग्लादेश में जारी हिंसा से दक्षिण एशिया में हलचल, 440 मरे,हज़ारों घायल,शेख हसीना का अज्ञातवास।

डॉ. समरेन्द्र पाठक 

वरिष्ठ पत्रकार।

ढाका /नयीदिल्ली : आरक्षण को लेकर बांग्लादेश देश में पिछले तीन सप्ताह से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा हिंसा की घटनाओं में बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों एवं उसके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने की खबर है। अभी तक 440 लोग मारे गए हैं,तथा हज़ारों की संख्या में घायल हुए हैं। 

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इन घटनाओं के मद्देनजर भारत, नेपाल एवं पाकिस्तान सहित दक्षिण एशियाई देशों में हलचल तेज हो गयी है। भारत सरकार ने कल संसद में सम्पूर्ण घटनाओं की जानकारी दी। इस मसले पर सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने एकजुट रहने की प्रतिबद्धता जतायी। भारत का लगभग साढ़े 4 हज़ार किलोमीटर से अधिक भूभाग बांग्लादेश से जुड़ा है। बांग्लादेश में आजादी के सेनानियों के परिजनों को 30 प्रतिशत आरक्षण दी जा रही थी,जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 5 प्रतिशत किए जाने का निर्णय दिया है। 

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उधर बांग्लादेश की सेना स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रही है, मग़र उत्तेजित लोगों का विरोध राजधानी ढाका एवं अन्य प्रमुख शहरों में जारी है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद विभिन्न हिंसक घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई हुयी है। इस बीच शेख हसीना के भारत में किसी सुरक्षित स्थान पर टिकने की खबर है। वह शीघ्र ही अन्य देश का रुख करने वाली हैं। उधर राष्ट्रपति ने अंतरिम सरकार के सुचारू होने की कोशिशें तेज कर दी है। 

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देश में आरक्षण के खिलाफ छात्र संगठनों का प्रदर्शन लगातार जारी है। खबरों के अनुसार पुलिस और सेना के जवान सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं। इस वजह से स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में आने का दावा किया जा रहा है।बताया गया है,कि बांग्लादेश में लंबे समय के बाद विद्यालय भी खोले गए हैं। दरअसल देश में विवादित आरक्षण प्रणाली के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन की वजह से विद्यालय बंद कर दिए गए थे। 

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बांग्लादेश में गत सोमवार को हुई भारी हिंसा के बाद मंगलवार को अल्पसंख्यकों एवं उसके धार्मिक संस्थानों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया गया।हालांकि दावा किया जा रहा है, कि ढाका में स्थित पर काफी हद तक काबू पाया गया है। ढाका की सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन का संचालन शुरू हो गया है। इसके अलावा सड़कों में दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलना शुरू कर दिया है। वहीं, सरकारी वाहनों को भी कार्यालयों की तरफ जाते हुए देखा गया है।

गत सोमवार को हिंसा के दौरान करीब 109 लोगों की मौत हुई थी। रविवार को हिंसा के दौरान कुल 114 लोगों की मौत हुई थी। 16 जुलाई से शुरू हुई हिंसा की वजह से सोमवार तक कुल 440 लोगों की जान गई है। बीते महीने जुलाई में बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शनों के दौरान 200 लोगों की मौत हो गई थी।रविवार को प्रदर्शनकारियों और आवामी लीग पार्टी के समर्थकों के बीच झड़प शुरू गई थी।

सूत्रों के अनुसार सोमवार को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे के बीच ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 37 शवों को लाया गया। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि वहां विभिन्न घटनाओं में घायल हुए 500 लोगों को लाया गया था। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में तोड़फोड़ मचा दी। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों को शेख हसीना के घर मे मौजूद वस्तुओं को ले जाते हुए भी देखा गया था। ढाका में मौजूद शेख हसीना के निजी आवास सुधा सदन को प्रदर्शनकारियों ने तहस नहस कर दिया। सोमवार को ही हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

बताया जा रहा है,कि शेख हसीना लंदन जाने वालीं थीं, लेकिन अभी वह अज्ञातवास पर हैं। दरअसल, ब्रिटिश सरकार का कहना है,कि लंदन में शेख हसीना को किसी भी संभावित जांच के तहत कानूनी सुरक्षा मिलने की संभावना नहीं है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है।

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने लंदन में कहा कि बांग्लादेश में बीते कुछ सप्ताह से जबरदस्त हिंसा का दौर देखा गया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अभूतपूर्व हिंसा के बीच जान-माल की दुखद हानि देखी है और देश के लोग संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं। 

सूत्रों ने कहा कि हसीना की यात्रा योजनाओं में कुछ अड़चन आ गई हैं और वह अगले कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं। उन्होंने स्थिति को गतिशील भी बताया और कहा कि इस मामले में कोई निश्चित रास्ता या स्पष्टता नहीं है। एल.एस.

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